अमर उजाला फांउडेशन के तत्वाधान मे लगी पुलिस की पाठशाला
कानपुर साउथ। अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से 09, मई, सोमवार को बर्रा-2 स्थित नर्चर इंटरनेशनल स्कूल में पुलिस की पाठशाला लगी। मुख्य अतिथि गोविंद नगर सीओ विशाल पांडेय क्लास टीचर की भूमिका में नजर आए, तो स्टूडेंट्स ने बिना झिझक उनसे सवाल पूछे। छात्राओं ने छेड़खानी, चेन और पर्स लूट जैसी वारदातों पर सवाल उठाए। छात्रों ने साइबर क्राइम, पुलिस की कार्यशैली, व्यवहार के बारे में सवाल दागे। पूछा पुलिस अच्छी है या बुरी।
टीएसआई वेदमणि मिश्रा ने स्टूडेंट्स को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी। साथ ही उन्हें बड़ों को वाहन चलाते समय हेलमेट और सीट बेल्ट का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने को कहा। स्कूल की प्रिंसिपल पारुल भार्गव ने कार्यक्रम के लिए अमर उजाला फाउंडेशन का धन्यवाद किया।
- कार्तिकेय , क्लास-6
सवाल ; एफआईआर क्या है और कैसे दर्ज होती है।
जवाब ; किसी भी घटना की लिखित शिकायत पर एफआईआर होती है। फिर तय होता है कि कौन दोषी है और कौन निर्दोष।
सवाल ; अपराध होने के बाद पुलिस लेट क्यों पहुंचती है।
- माही श्रीवास्तव- क्लास-7
जवाब ; अपराध होने के बाद पुलिस का पहुंचना जरूरी है। वरना पब्लिक नाराज होगी। सूचना मिलते ही पुलिस रवाना होती है। लेट पहुंचने की बात ठीक नहीं है। पुलिस की मौजूदगी से अपराध थम सकते हैं, खत्म नहीं हो सकते। जब पुलिस जागती है तभी आप लोग रात में चैन की नींद सोते हैं।
सवाल ; पुलिस की जगह कुछ और बनना हो तो क्या बनें।
- आंशिका श्रीवास्तव, क्लास-8
जवाब ; पुलिस की नौकरी सम्मान और समाजसेवा की है। पुलिसकर्मी पीड़ित को न्याय और अपराधी को दंड दिला सकता है। अगर पुलिसवाला नहीं बनना है तो अच्छा इंसान बनकर पीड़ितों की सेवा करें।
 
						
						


