रक्तदान है महादान, जिससे बचती सबकी जान
शनिवार 07,मई, देहरादून। उत्तरांचल कॉलेज ऑफ बायो मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल में शनिवार 07,मई को स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में बड़ी संख्या में रक्तदाताओं ने भाग लिया। बड़ी संख्या में लोगों को अलग-अलग कारणों के चलते रक्तदान से रोका गया, उसके बावजूद शिविर में कुल 70 यूनिट रक्तदान हुआ।
शनिवार को शिमला बाईपास स्थित उत्तरांचल कॉलेज ऑफ बायो मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल में आईएमए ब्लड बैंक और अमर उजाला फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का शुभारंभ कॉलेज के प्रबंध निदेशक गुरुदेव सिंह वार्ने ने किया। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए। खून की कमी के कारण हर साल सैकड़ों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। स्वैच्छिक रक्तदाताओं के सहयोग से ही जरूरतमंदों को समय पर खून उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने युवाओं से इस कार्य के लिए विशेष रूप से आगे आने का आह्वान किया।
आईएमए ब्लड बैंक के जनसंपर्क अधिकारी कमल साहू ने बताया कि 18 से 60 वर्ष आयु का प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। हर तीन माह में रक्तदान करने से किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता है। उन्होंने कहा कि शरीर से निकाले गए रक्त की पूर्ति शरीर में 24 से 72 घंटों में हो जाती है। बड़ी संख्या में कॉलेज के शिक्षकों, छात्र-छात्राओं, सहायक स्टाफ और स्थानीय लोगों ने रक्तदान के लिए पंजीकरण कराया। जिनमें से बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं को हीमोग्लोबिन, खून व वजन की कमी समेत अन्य कारणों के चलते रक्तदान से रोका गया। विशेषकर छात्राओं में खून की कमी के मामले सामने आए। कुल 70 रक्तदाताओं ने रक्तदान किया।
हर बार करेंगे रक्तदान
शिविर में बड़ी संख्या में युवाओं ने पहली बार रक्तदान किया। उन्होंने कहा कि रक्तदान का महत्व समझने के बाद वह हर बार इसमें भाग लेंगे। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने इस महत्वपूर्ण और यादगार लम्हे को तस्वीरों में कैद किया। संस्थान के शिक्षकों और ब्लड बैंक के अधिकारियों ने छात्र-छात्राओं को रक्तदान के लिए प्रेरित किया।
 
						
						

