एसपी ने बच्चों को पढ़ाया ट्रैफिक नियमों का पाठ

मंगलवार,03,मई करनाल। ओपीएस विद्या मंदिर सेक्टर-13 में अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से रक्षा सूत्र कार्यक्रम के तहत पुलिस की पाठशाला लगी। इसमें पुलिस अधीक्षक पंकज नैन ने विद्यार्थियों को ट्रैफिक नियमों का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि देश में हर वर्ष करोड़ों लोग सड़क हादसों में मौत का शिकार होते हैं। यदि कर्ण नगरी की बात करें तो शहर में ही सौ से अधिक लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवां रहे हैं। इससे सबसे अधिक संख्या युवाओं की है। उन्होंने कहा कि सरहदों पर जाकर लड़ना ही देश सेवा नहीं है, नागरिक कर्तव्यों का पालन करना भी समाज सेवा है। इस दौरान एसपी ने स्टूडेंट्स को नियमों के पालन की शपथ भी दिलाई।

इससे पहले, अमर उजाला प्रतिनिधियों और स्कूल प्रिंसिपल डॉ. जसजीत सूद ने एसपी का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। स्टूडेंट्स से सीधे संवाद करते हुए एसपी ने कहा कि पुलिस अपना रोल तभी निभा सकती है, जब समाज के लोग साथ दें। अनुशासन के बिना कानून व्यवस्था बनाए रखने की कल्पना नहीं की जा सकती। बच्चे को अनुशासन में रखने के लिए माता-पिता को समय-समय पर पुलिस की भूमिका अदा करनी चाहिए। इससे बच्चा न तो कानून तोड़ेगा, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक भी बनेगा। न कानून तोड़ें न किसी को तोड़ने दें। इस दौरान एसपी ने बच्चों को यातायात नियमों के पालन की शपथ भी दिलाई। कार्यक्रम के समापन पर अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से एसपी पंकज नैन और प्रिंसिपल डा. सूद को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

ट्रैफिक नियमों को संस्कार में शामिल करें

एसपी ने जिलेभर के लोगों का आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को संस्कारों में अनुशासन के साथ-साथ ट्रैफिक नियम जरूर बताएं। एसपी ने बताया कि देखने में आया है कि यातायात नियमों की अवहेलना ज्यादा बच्चे और युवा करते हैं। स्कूलों में बच्चे स्कूटी व बाइक आदि से आते हैं, लेकिन हेलमेट नहीं पहनने के कारण कई बार हादसों का शिकार हो जाते हैं। एसपी ने कहा कि स्कूली बच्चे जोश में और एक दूसरे आगे निकलने की होड़ में हादसों का शिकार होते हैं। क्योंकि वे हेलमेट नहीं डालते हैं। इसलिए स्कूल प्रबंधनों के साथ साथ अभिभावकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि जब उनके बच्चे बाइक व स्कूटी लेकर निकलें तो उनको चाबी तभी दें, जब वे हेलमेट पहनें। इस मामले में सख्ती के साथ- साथ बच्चों को समझाना भी जरूरी है।

हादसों से बचने का तरीका है साइकिल

पुलिस अधीक्षक पंकज नैन कहा कि हादसों से बचने के लिए जहां नियमों का पालन जरूरी है, वहीं जरूरी है कि स्कूली छात्र साइकिल का प्रयोग करें। एसपी ने यह भी आश्वासन दिया कि जल्द ही शहर में साइकिल ट्रैक बनाए जाएंगे, ताकि साइकिल से आने जाने वालों को कोई परेशानी न आए। इसके अलावा, शहर को जाम से मुक्ति दिलाने व प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्रशासन द्वारा हर मंगलवार को कार फ्री डे की मुहिम शुरू की है। इसमें शहर की जनता व स्कूली बच्चों से उन्हें पूरा सहयोग मिला है।

अमर उजाला की पहल सराहनीय

ओपीएस विद्या मंदिर की प्रिंसिपल डॉ. जसजीत सूद ने बच्चों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया। डॉ. सूद ने विश्वास दिलाया कि वे बच्चों को ट्रैफिक के सभी रूल फॉलो कराएंगे, ताकि वे अन्य बच्चों को आगे जागरूक कर सकें। उन्होंने कहा कि अमर उजाला की यह पहल सराहनीय है।

घटना को दबाएं नहीं पुलिस को बताएं

एसपी ने बच्चों के साथ होने वाली घटनाओं को लेकर कहा कि बच्चों को डरने की जरूरत नहीं है। अगर उनके साथ कुछ गलत होता है तो पुलिस को इसकी जानकारी दें। वहीं बेटियों के लिए 1091 हेल्पलाइन नंबर जारी किया हुआ है। खासकर छात्राएं खुद को कमजोर न समझें, ऐसे मामलों के लिए महिला थाने खोले गए हैं। किसी भी समय पर इस पर घटना व वारदात की जानकारी दी जा सकती है।

पुलिस की पाठशाला में बहुत कुछ सीखा

पुलिस की पाठशाला में जो कुछ उसने सीखा है, वह उससे अन्य दोस्तों तक भी बताऊंगी और यातायात नियमों को लेकर लेकर सभी को जानकारी दी जाएगी। ताकि हमारे करनाल की सड़कें खतरों से भरी न हों।

अंशिता, सातवीं कक्षा की छात्रा

पाठशाला से नई सीख मिली है, आगे से वह यातायात के हर नियम को पालन करेगा, क्योंकि इसी में सभी की सुरक्षा है।

निशांत, छात्र ।

पुलिस की पाठशाला यकीनन स्टूडेंट्स के लिए काफी लाभकारी है। इसके लिए अमर उजाला फाउंडेशन बधाई का पात्र है।

हरिओम, छात्र ।पुलिस की पाठशाला से कई और नई जानकारी मिली हैं, जिसको मैं और को भी बताऊंगा और इस अभियान को सफल बनाना है।

रिंकल, छात्रा ।

देश में जितने भी सड़क हादसे होते हैं, उनमें से ज्यादातर हादसे सड़क सुरक्षा नियमों के उल्लंघन की वजह से होते हैं। यदि सभी व्यक्ति नियमों का पालन करना शुरू दें, तो सड़क हादसों में कमी लाई जा सकती है। मैं आज से ऐसा करूंगी और दूसरों को भी जागरूक करूंगी।

वृंदाश्री, छात्रा,

हर संस्थान यह जिम्मेदारी समझें तो रुक सकते हैं हादसे

स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. सूद ने कहा कि अगर अमर उजाला फाउंडेशन की तरह हर संस्थान इस तरह की सामाजिक जिम्मेदारी समझे तो  न केवल सड़क हादसों में कमी आएगी, बल्कि सड़कें बहुत सेफ हो जाएंगी। डा. सूद ने कहा कि वे अमर उजाला की पुलिस पाठशाला की न केवल प्रशंसा करती हैं, बल्कि यह भी चाहती हैं कि इस तरह की पाठशाला और भी हों, ताकि बचपन से ही बच्चों में ट्रैफिक को लेकर गंभीरता पैदा की जा सके। उन्होंने स्कूली बच्चों को कहा कि वे स्कूल में वाहन लेकर आएं तो हेलमेट पहनें, साथ ही सड़क पर चलते समय हमेशा नियमों का पालन करें।