अमर उजाला फाउण्डेशन और पुलिस को बच्चों ने कहा थैंक्स
हिसार। अंकों की चिंता और करियर की दौड़ में हमारी मानवीय संवेदनाएं खत्म होती जा रही हैं। समाज में कई प्रतिष्ठित व्यक्ति होते हैं, लेकिन अधिकांश में संवेदनाओं का अभाव है। ऐसे में व्यक्ति ही व्यक्ति का दर्द नहीं समझ रहा है और समाज संवेदन शून्य हो जाता है। सच तो यह है कि नौकरी... Read More
			
					 
						
						