Day

December 27, 2015

अमर उजाला फाउण्डेशन और पुलिस को बच्चों ने कहा थैंक्स

हिसार। अंकों की चिंता और करियर की दौड़ में हमारी मानवीय संवेदनाएं खत्म होती जा रही हैं। समाज में कई प्रतिष्ठित व्यक्ति होते हैं, लेकिन अधिकांश में संवेदनाओं का अभाव है। ऐसे में व्यक्ति ही व्यक्ति का दर्द नहीं समझ रहा है और समाज संवेदन शून्य हो जाता है। सच तो यह है कि नौकरी...
Read More