हिसार, बच्चों ने सराहा, बोलेथैंक्स अमर उजाला
गलतियों से बचें, नारी का करें सम्मान
बच्चों ने सराहा, बोलेथैंक्स अमर उजाला
हिसार। पुलिस की पाठशाला को विद्यार्थियों ने जमकर सराहा। इसके लिए अमर उजाला और पुलिस महकमे को थैंक्स बोला। बातचीत में बच्चों ने बताया कि पहली बार इस तरह की पाठशाला से रू-ब-रू हुए। एक ओर जहां कानून की जानकारी और कानूनन अधिकारों का पता चला। वहीं पुलिस के प्रति उनकी सोच भी बदली। छात्रों ने पुलिस के हाथ मजबूत करने और बुराइयों से बचने का संकल्प भी जताया।
अमर उजाला ब्यूरो
हिसार। सभी को सम्मान और अधिकारपूर्वक जीने का अधिकार है। हर कोई मान-सम्मान से जीना चाहता है। इसलिए सभी का सम्मान करें। नारी जाति का विशेष सम्मान करें तभी हमारा समाज मजबूत होगा और विकास की ओर अग्रसर होगा। अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से आयोजित पुलिस की पाठशाला में पांच सौ से अधिक छात्र-छात्राओं को यह सीख दी गई।
कैमरी रोड स्थित केएलआर्य डीएवी पब्लिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में मानवाधिकार आयोग से पुरस्कृत एएसआई सज्जन कुमार ने विद्यार्थियों को कानून की जानकारी दी वहीं गलतियों से सीख लेने की अपील की। इस मौके पर बच्चों ने कई सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासा को शांत किया और नशा जैसी बुराइयों से दूर रहने का संकल्प लिया। साथ ही नारी समाज का सम्मान करने की शपथ ली। एएसआई सज्जन कुमार ने कहा कि छोटी उम्र में गलत आदत शुरू होती हैं जो जिंदगी भर साथ रहती हैं। इसलिए इस उम्र में बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार दिए जाएं तो वे बुराइयों से बचे रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों को कानून की जानकारी मिलती है। कानून के प्रति जागरूक होते हैं और समाज में सजगता आती है। इस मौके पर स्कूल की ओर से कांता कंसल और रश्मी ने एएसआई सज्जन कुमार को सम्मानित किया। कार्यक्रम में आईजी पीआरओ दिनेश मौजूद थे।
यह करें
•ज्ञानवर्द्धक पुस्तकों को अध्ययन करें
•ध्यान और योग निरंतर करें
•संध्या के समय बुरी और अच्छी आदतों पर विचार करें और बुरी आदतों को त्यागनेे का संकल्प लें
•नारी जाति का सम्मान करना सीखें
•अपराध का विरोध करें, पुलिस को सूचना दें
•हर परिस्थिति से सीखने का प्रयास करें
विद्यार्थी ये ना करें
•एक दूसरे का अपमान नहीं करें, खासतौर पर धर्म और जाति को लेकर कतई नहीं
•मोबाइल फोन और नेट का गलत उपयोग नहीं
•मानसिकता विकृत करने वाले कार्यक्रम न देखें
•नशे से दूर रहें और इस पर चिंतन करें
•तेज गति में बाइक नहीं चलाएं
•अपनी व दूसरों की गलती पर कभी हंसे नहीं
पुलिस की पाठशाला में बच्चों को सीख, बच्चों ने पूछे सवाल
अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से पुलिस पाठशाला
हेलमेट को नहीं समझें भार
बच्चों को समझाया गया कि हेलमेट को भार नहीं समझें। अमूमन चालान से बचने के लिए हेलमेट पहनते हैं, यह मानसिकता ठीक नहीं। यदि वाहन चालक हेलमेट पहने तो सड़क हादसे में सिर की चोट के कारण होने वाली 80 फीसदी मौतें रोकी जा सकती हैं।
सबसे बड़ी चुनौती
आज बच्चों के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये ही है कि किस तरह से अपनी बुद्धि और विचारों को शुद्ध रख सकेंगे। सूचना तकनीक के इस युग में सभी जानकारी एक पल में मिल जाती हैं। इनमें से अधिकांश जानकारी और चित्र मन में विकार पैदा करते हैं। नेट और मोबाइल के जरिये मिलने वाली अधिकांश जानकारियों में नैतिकता का कोई स्तर नहीं होता है। ऐसे में बच्चों के कोमल मन को इनसे बचाना सबसे बड़ी चुनौती है। इस कारण समाज में छोटी उम्र में अपराध बढ़ने लगे हैं।
नादान सवाल, मुश्किल उत्तर
पुलिस की पाठशाला के दौरान छात्र-छात्राओं ने रोचक और व्यवहारिक सवाल पूछकर सबको हैरत में डाल दिया। दरअसल इन सवालों का समाज और सरकार दोनों को मिलकर समाधान करना होगा। 11वीं के छात्र अभिषेक ने प्रश्न किया कि यदि कोई हमारी गलत शिकायत कर दे तो कैसे बचें। वहीं कक्षा 9वीं की छात्रा कोमल कौशिक का सवाल था कि सरकार नशा बेचने पर पाबंदी लगा दे तो फिर कोई नशा कैसे करेगा। छात्र अपूर्व की जिज्ञासा थी कि शादी-विवाह जैसे समारोह में लोग बंदूक चलाते हैं। शान-शौकत और दिखावे पर करोड़ों रुपये क्यों खर्च करते हैं। इसी तरह विद्यार्थी कनिष्का, कनिका, खुशी आदि ने ज्वलंत सामाजिक मुद्दों पर सवाल किए।
विद्यार्थियों के लिए तीन जरूरी बातें
एक – ज्ञान का अभाव : ज्ञान और जानकारी के अभाव में मानव से गलतियां होती हैं। इसलिए विद्यार्थियों को कानून सहित सभी की जानकारी होनी चाहिए। जानकारी होने पर अपराध नहीं होंगे और दूसरों को भी अपराध करने से रोक सकेंगे।
दो – गलत संगत : विद्यार्थी गलतसंगत में जाकर अपना और अपने परिवार का बुरा कर लेता है। ऐसे लड़कों से दोस्ती नहीं करें जिनकी मानसिकता सही नहीं है। पता लगने के बाद तत्काल ही ऐसे मित्र और उनकी संगत को छोड़ देना चाहिए।
तीन – खराब माहौल : कई बार बच्चों को अच्छा माहौल नहीं मिलता। माता-पिता बच्चे पर ध्यान नहीं देते। परिवार का वातावरण खराब होने पर बच्चे बिगड़ जाते हैं। ऐसे बच्चों को स्कूल में सुधारना मुश्किल हो जाता है। इसलिए माता-पिता को बच्चों को अच्छा माहौल देना चाहिए, ताकि उनकी अच्छी तरह से परवरिश हो सके।
पुलिस की पाठशाला कार्यक्रम में बहुत अच्छा लगा। पुलिस के प्रति मेरा नजरिया बदला। अपनी गलतियों के बारे में पता चला। साथ ही इन गलतियों से स्वयं को कैसे बचाएं। यह सीख मिली।
– छात्रा तनिशा
बच्चों को जानकारी होनी चाहिए। गलतियों से बचना चाहिए और अच्छे वातावरण की तलाश कर स्वयं को अच्छा बनाना चाहिए। पुलिस की पाठशाला से यहजानकारी मिली।
– वरुण, कक्षा 11वीं
इस पाठशाला से देश के अच्छे और जागरूक नागरिक कैसे बनें यह सीख मिली। युवा वर्ग जागरूक हो तो समाज भी मजबूत होगा और अपराध का ग्राफ कम हो जाएगा।
– छात्रा, वैशाली
सभी को जिम्मेदार नागरिक बनना चाहिए। यदि हम लापरवाही बरतेंगे तो समाज में अपराध बढ़ेगा। गलत दिखने और महसूस होने पर पुलिस को शीघ्र सूचना देनी चाहिए। तभी अपराध पर नियंत्रण हो सकेगा।
– छात्र वरुण
पाठशाला के तहत मैंने सीखा कि बच्चों को कानून का पालन करना चाहिए। तभी सभ्य नागरिक बन सकेंगे। लड़कियों का सम्मान करें। इससे ही अच्छे समाज का निर्माण हो सकेगा।
– छात्र वैभव अरोड़ा
अधिकारों के साथ-साथ हमें जिम्मेदार नागरिक बनना होगा। आज की पाठशाला से यह सीख मिली। भविष्य में अन्य लोगों को भी जागरूक बनाने का प्रयास करूंगी।
– छात्रा, अंशु
 
						
						