सर, नो इट्रीं में ट्रक केैसे चले आते हैं
सोमवार, 30, मई
कानपुर साउथ। अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से जरौली फेस टू स्थित हीरालाल इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित पुलिस की पाठशाला में बच्चों ने एक से एक तीखे सवाल पूछे। पूछा कि नो इंट्री में ट्रक कैसे चले जाते हैं जिससे हादसे होते हैं। वीआईपी के आने पर पुलिस कैसे मुस्तैद हो जाती है, बाकी दिनों क्यों सुस्त रहती है। मुख्य अतिथि एसपी ट्रैफिक सर्वानंद यादव ने बच्चों को जवाब दिए।
एसपी ने कहा कि कानपुर में सड़क हादसों में मौते बढ़ी हैं। हादसों को रोकने के लिए इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाने की शुरुआत हो गई है। इससे शहर के 75 चौराहों में सुगम ट्रैफिक संचालन में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोग नियमों का पालन करें और पुलिस का सहयोग करें तो जाम और अन्य परेशानियों से निजात मिलेगी। टीएसआई शिव सिंह सोनकर ने ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी।
बच्चों के सवाल
a वीआईपी इलाके में पुलिस और स्कूलों के पास क्यों नहीं।
-ईशा अवस्थी, 10वीं
ऐसा नहीं है। भीड़-भाड़ वाले इलाकों और स्कूल के पास अधिक फोर्स लगाई जाती है।
a सभी चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस नहीं रहती है, क्यों। – प्रीती सिंघानिया, 10वीं
पुलिस कर्मियों की काफी कमी है। भर्ती हो रही है।
a नो इंट्री के वक्त पैसा लेकर पुलिस कराती है वाहनों की इंट्री। – सरिता सिंह,10वीं
ऐसा नहीं है, परमिट वाली गाड़ियों को प्रवेश की अनुमति दी जाती है। यदि वसूली हो रही है तो हमारे मोबाइल नंबर 9454401077 पर सूचना दें। कार्रवाई होगी।
a विदेशों की अपेक्षा भारत में सड़क हादसे अधिक क्यों होते हैं। -कोमल चंदेल,11वीं
इसके लिए पब्लिक जिम्मेदार है। नियमों की अनदेखी करती है जो हादसों की वजह बनते हैं।
ये दिए टिप्स-
कोई हादसा होने पर 100 नंबर पर सूचना दें।
- जाम पर ट्रैफिक पुलिस की फेसबुक और व्हाटसएप पर भी जानकारी दे सकते हैं।
- घायल की मदद करें, उसे अस्पताल पहुंचाए, ताकि उसकी जान बच सके।
- छेड़छाड़ या उत्पीड़न की शिकायत 1090 पर करें।
 
						
						


