‘शुरुआत में हार मान ली तो कभी नहीं मिलेगी सफलता’
04-03-2016
गाजियाबाद
  पर्वतारोही तूलिका रानी ने आरकेजीआईटी में छात्राओं को दिए सफलता के टिप्स
गाजियाबाद (ब्यूरो)। ‘पहाड़ों से प्यार का जुनून इस कदर चढ़ा कि एयरफोर्स की नौकरी छोड़ दी। माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने के लिए पैरेंट्स और खुद की सेविंग को भी दांव पर लगा दिया। कई बधाएं पार कीं और 29 मई 2012 को एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराया और गर्व से कहा कि अब पीछे मुड़कर नहीं देखूंगी।’ ये कहानी है पर्वतारोही तूलिका रानी की। अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से बृहस्पतिवार को आरकेजीआईटी (डब्ल्यू) में ‘मानसिक और शारीरिक तनाव के प्रबंधन’ विषय पर गेस्ट लेक्चर आयोजित किया गया। तूलिका इसमें बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहीं और छात्राओं को सफलता के टिप्स दिए।
माउंट एवरेस्ट के फतह की कहानी को तूलिका रानी ने प्रेजेंटेशन के जरिए दिखाया। कार्यक्रम में एक्स स्क्वार्डन लीडर तूलिका ने कहा कि तनाव जीवन का एक भाग है। इसको कम करने की कोशिश होनी चाहिए, लेकिन अपनी शर्तों पर। व्यक्ति की सफलता उसके अतीत पर निर्भर करती है। यदि आप शुरुआत में ही असफल होकर हार मानकर बैठ जाएं तो जीवन में कभी सफल नहीं हो सकते। तूलिका का कहना था कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि पर्वतारोही बनेंगी। 2009 में पर्वतारोही की ट्रेनिंग शुरू की। काफी फिजिकल और मेंटल एक्सरसाइज की। 2011 में एयरफोर्स ने एक महिला दल बनाया, जिसे माउंट एवरेस्ट को फतह करना था। दल में 20 लोग थे। सफर शुरू हुआ पर मुझे आधे रास्ते से वापस लौटना पड़ा। जब मैं नीचे उतरी तो माउंट एवरेस्ट की तरफ मुड़कर मैने कहा था ‘आई विल कम बैक’। उन्होंने कहा कि जब आप असफल होते हैं तो उसमें 90 प्रतिशत से ज्यादा गलतियां खुद की होती हैं। मां ने भी मुझे उस वक्त कायर कहा था। तब बहुत बुरा लगा था। दोबारा तैयारी की और 2012 में माउंट एवरेस्ट पर झंडा फहराया। नीचे उतरकर तीन माह तक अस्पताल में भर्ती रही। एक पांव की उंगली का अगला हिस्सा डाक्टरों को काटना पड़ा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। एवरेस्ट के बाद ईरान और अफ्रीका महाद्वीप के सबसे ऊंची चोटी कलिमंजारो को फतह किया। आगे विश्व के सभी ऊंचे पर्वतों पर तिरंगा फहराना लक्ष्य है। कार्यक्रम में आरकेजीआईटी ग्रुप के चेयरमैन दिनेश गोयल, डायरेक्टर डा. राकेश गोयल, डायरेक्टर एडमिन प्रोफेसर वीके जैन, डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोरमा शर्मा, डा. श्रवण कुमार, डा. हरलीन कौर समेत सभी फैकल्टी मेंबर उपस्थित थे। मंच संचालन छात्रा आरांचा त्यागी ने किया।
छात्राओं ने किए सवाल
कार्यक्रम के दौरान छात्राओं के साथ फैकल्टी मेंबर ने कई सवाल पूछे। जैसे एवरेस्ट की चढ़ाई के दौरान क्या खाया-पिया, पर्वतारोही बनने का इंटरेस्ट कहां से आया, आपकी शादी हुई है या नहीं, पहाड़ों पर रसिस्यां किसने बांधी। इन सभी सवालों के जवाब तूलिका ने बखूबी दिए।
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छात्राओं ने ऑटोग्रॉफ और सेल्फी ली
कार्यक्रम के समाप्त होने के बाद छात्राएं इस कदर प्रभावित थीं कि उन्होंने तूलिका को घेर लिया। उनका आटोग्रॉफ लिया और जमकर सेल्फी ली। तूलिका ने भी छात्राओं का उत्साह बढ़ाया और छात्राओं के साथ जमकर फोटो खिंचवाई।
 
						
						
